Bihar Land Survey Big Update: इस बार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण के लिए कड़े नियम बनाए हैं। यदि कोई व्यक्ति या संस्था सरकारी जमीन पर बिना अनुमति के कब्जा करते हुए पाया जाता है, तो उसके नाम पर खाता नहीं खोला जाएगा और खतियान में सीधे बिहार सरकार का नाम दर्ज किया जाएगा। यह कदम अवैध कब्जों को रोकने के लिए उठाया गया है।
जमाबंदी की कार्यवाही भी नही होगी मान्य: इस बार के भूमि सर्वेक्षण में सरकार ने और भी कठोर नियम लागू किए हैं। अब, सरकारी जमीन पर अनधिकृत रूप से रसीद काटने या जमाबंदी करने की प्रक्रियाएं भी मान्य नहीं होंगी। ये नए उपाय अवैध कब्जों की पहचान को सरल बनाएंगे, जिससे सरकारी जमीन पर होने वाले हर प्रकार के अवैध अतिक्रमण का पता चल सकेगा।
बक्सर में बड़े पैमाने पर चल रहा अवैध कब्जे का खेल
पिछले कुछ वर्षों से बक्सर जिले के अंचलों में सरकारी भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे हो रहे हैं, जिससे संबंधित विभाग को भी अपनी भूमि की पूरी जानकारी नहीं है। इन जमीनों पर अनेक निर्माण किए गए हैं और कई बार भ्रष्ट तरीके से लगान की रसीदें भी काटी गई हैं। हालांकि, इस बार के सर्वेक्षण से इन अवैध कब्जों की असलियत सामने आने की उम्मीद है।
बिहार सरकार के नाम पर खुलेगा खाता
बिहार सरकार की जमीनें जैसे तालाब, आहर, पइन, या परती जो गैर मजरूआ खास या अनाबाद सर्वसाधारण श्रेणी में आती हैं, उन पर अगर कोई अवैध कब्जा करता है तो उस व्यक्ति के नाम पर कोई खाता नहीं खोला जाएगा। इसके विपरीत, सरकारी रिकॉर्ड में बिहार सरकार के नाम पर ही खाता खोला जाएगा और खतियान में इसे अतिक्रमण के रूप में दर्ज किया जाएगा।
कोर्ट केस होने पर लिखा जाएगा विवादित
यदि किसी जमींदार ने 1 जनवरी 1946 से पहले किसी रैयत के नाम पर गैर मजरूआ खास भूमि के लिए हुकमनामा रसीद जारी की थी और जमींदारी उन्मूलन के बाद से सरकारी लगान रसीद काटी जा रही है, तो उपयुक्त दस्तावेज़ प्रस्तुत करने पर रैयत के नाम से खाता खोला जाएगा। यदि ऐसे दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं होते हैं, तो खाता नहीं खुलेगा और जमीन सरकारी खाते में चली जाएगी।
अगर 1970 के खतियान में किसी व्यक्ति का नाम गैर मजरूआ खास भूमि पर दर्ज है और उसका दखल कब्जा भी है, तो उसके नाम पर खाता खोला जाएगा। ऐसी जमीन पर सिविल कोर्ट का आदेश भी मान्य होगा। अगर सरकारी या रैयती जमीन पर न्यायालय में कोई मामला लंबित है, तो उसे खतियान में ‘विवादित’ के रूप में दर्ज किया जाएगा, और आगे चलकर न्यायालय के निर्णय के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी भूमि पर अवैध जमाबंदी: अमान्य घोषित
यदि किसी गैर मजरूआ आम भूमि पर कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी अवैध रूप से लगान रसीद जारी करता है या जमाबंदी खोलता है, तो ऐसे कृत्यों को सर्वेक्षण प्रक्रिया में मान्यता नहीं दी जाएगी। उस व्यक्ति या संस्था के नाम पर कोई खाता नहीं खोला जाएगा। इसकी पुष्टि के लिए, विभाग के अधिकारी अंचल कार्यालय से संबंधित दस्तावेजों का गहनता से अवलोकन करेंगे। केवल सक्षम न्यायालय के आदेशानुसार की गई जमाबंदी को ही वैध माना जाएगा।
जमीन की हेरा फेरी पर पर्दा डालने के लिए फाड़ दिया गया पन्ना
अंचल कार्यालय में सरकारी जमीन की जमाबंदी और लगान रसीद में काफी गड़बड़ियाँ हुई हैं। बरसों पहले दिए गए दाखिल खारिज और जमाबंदी के आदेशों सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ गायब हो गए हैं या फिर वे उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा, जमीन से जुड़े रजिस्टर टू के पन्ने भी फाड़ दिए गए हैं, जिससे जमीन संबंधित हेरफेर को छिपाया गया है। इस तरह की समस्याएं सर्वेक्षण के दौरान और भी जटिलताएं पैदा करेंगी।
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Bihar Land Survey Big Update Based FAQs
What are the new rules for the Bihar Land Survey?
The new regulations are strict: if someone is found occupying government land without permission, they won’t be allowed to open an account in their name. Instead, the account will be registered directly under the name of the Bihar government to prevent unauthorized encroachments.
What occurs if there is a court case regarding a land dispute?
If there’s an ongoing court case concerning a piece of land, it will be marked as “disputed” in the land records. The outcome of these cases will be strictly according to the court’s final decision, ensuring fair handling of all land-related disputes.