बिहार में नीतीश सरकार की छप्पर फाड़ योजना: अगर आप बिहार में रहते हैं और आपके घर के आस-पास कोई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, तो आपके पास अपने घर से ही कमाई का सुनहरा मौका है। नीतीश कुमार की सरकार ने ‘मुख्यमंत्री होमस्टे/बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना’ के नाम से एक नई पहल शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत, अब आप पर्यटकों को अपने घर में ठहराकर अच्छी खासी आमदनी कर सकते हैं। यह योजना 6 अगस्त से लागू हो चुकी है और इसे बिहार के 15 जिलों के 28 पर्यटन स्थलों पर शुरू किया गया है, जिसमें गया, नालंदा, कैमूर, रोहतास, नवादा, जमुई, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जैसे जिले शामिल हैं।
मुख्यमंत्री होमस्टे/बेड एंड ब्रेकफास्ट प्रोत्साहन योजना क्या है?
इस योजना के तहत, यदि आप अपने घर के कुछ कमरों को पर्यटकों के ठहरने के लिए तैयार करते हैं, तो सरकार आपको 2.5 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण देगी। यह ब्याज उस ऋण पर मिलेगा, जो आप कमरों के सुधार और नवीनीकरण के लिए लेंगे, और यह लाभ आपको पांच वर्षों तक मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत आप एक समय में अधिकतम छह कमरे किराए पर दे सकते हैं। यदि आप खुद इस व्यवसाय को संचालित करते हैं, तो इसे ‘होमस्टे’ कहा जाएगा, और यदि कोई कंपनी इसका संचालन करती है, तो इसे ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट’ कहा जाएगा।
इस योजना का लाभ लेने के लिए आपका घर किसी पर्यटन स्थल के नजदीक होना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में आपका घर पर्यटन स्थल से 5 किलोमीटर के अंदर होना चाहिए, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह दूरी 10 किलोमीटर तक हो सकती है।
कितने कमरे होने पर कर सकते हैं आवेदन
बिहार पर्यटन निदेशक विनय राय ने बताया कि यदि आपके पास एक भी अतिरिक्त कमरा है, तो आप इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। पहले चरण में 1000 कमरे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि योजना और ऑनलाइन आवेदन की घोषणा कर दी गई है। इसके साथ एक प्रारूप भी उपलब्ध कराया गया है, जिसमें कमरे के आकार, सुविधाओं, सुरक्षा नियमों और मेहमानों तथा मेजबानों के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। पहले चरण के तहत प्रति कमरे 2.5 लाख रुपये तक के ऋण पर ब्याज की सुविधा दी जाएगी।
पर्यटन विभाग का उद्देश्य: स्थानीय आय और सांस्कृतिक संवर्धन को बढ़ावा
बिहार पर्यटन विभाग के अनुसार, उनकी नई योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के होटलों पर पड़ने वाले दबाव को कम करना है और साथ ही पर्यावरण की रक्षा और ग्रामीण पर्यटन को भी प्रोत्साहन देना है। इससे स्थानीय निवासियों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर सृजित होंगे। पिछले दस वर्षों के दौरान बिहार में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जहां 2015 में करीब 2.89 करोड़ पर्यटक आए थे, वहीं 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 8.21 करोड़ हो गया, जिसमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।
योजना के तहत शामिल प्रमुख पर्यटन स्थल
जिला | पर्यटन स्थल |
---|---|
गया | महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर, मुंडेश्वरी मंदिर, प्रेतशिला चट्टान, गुरपा स्तूप |
नालंदा | जल मंदिर, राजगीर चिड़ियाघर, प्रकृति सफारी, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर |
पूर्वी चंपारण | केसरिया बुद्ध स्तूप |
पश्चिमी चंपारण | वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, भितिहरवा आश्रम |
भागलपुर | प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के खंडहर |
मुंगेर | भीमबांध |
जमुई | लछुआर जैन मंदिर |
नवादा | ककोलत झरना |
जहानाबाद | तीसरी सदी की बराबर गुफाएं |
रोहतास | शेरशाह सूरी का मकबरा |
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