Bihar Land Survey Update— बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण में तेजी लाने और किसानों को अधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से दस्तावेजों को जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी है। इसके पीछे कारण यह है कि दशहरा से लेकर छठ पर्व तक कई लोग पर्व मनाने के लिए अपने घर लौटते हैं, जिससे इस अवधि में किसानों और अन्य जमीन मालिकों की भीड़ जिला और अंचल स्तरीय कार्यालयों में बढ़ जाती है। इस समय सीमा में विस्तार से किसानों को अपने दस्तावेज सुविधाजनक ढंग से जमा करने में मदद मिलेगी, और सर्वेक्षण प्रक्रिया भी निर्बाध रूप से चल सकेगी।
सर्वेक्षण में देरी नहीं, दाखिल-खारिज अनिवार्य नहीं
यदि आपकी जमीन का अभी तक दाखिल-खारिज नहीं हुआ है, तो चिंता न करें, क्योंकि ऐसी जमीनों का भी सर्वे किया जाएगा। विभाग के नए निर्देशों के अनुसार, वे न केवल आवेदक के जमीनी दस्तावेजों की गहन जांच करेंगे बल्कि विक्रेता से भी संपर्क करेंगे। इस प्रक्रिया से जमीन की वास्तविक स्थिति का सटीक आंकलन हो सकेगा, जिससे सभी संबंधित पक्षों के लिए स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
नया खतियान और प्लॉट नंबर का पंजीकरण
सर्वे की प्रक्रिया के दौरान न सिर्फ नए खतियान का निर्माण होगा बल्कि प्लॉट के नंबर भी नवीनीकृत किए जाएंगे। इस नवीनीकरण से संबंधित अगर किसी रैयत को कोई आपत्ति है, तो उसे उचित रूप से सुलझाया जाएगा। इसके अलावा, किसी भी सरकारी जमीन को व्यक्तिगत रैयत के नाम पर नहीं दर्ज किया जाएगा, और जो जमीन मठ-मंदिर के अधिकार में है, उनके खाते भी मठ-मंदिर के नाम पर ही बनाए जाएंगे। यह सुनिश्चित करता है कि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और हर व्यक्ति या संस्था की संपत्ति सुरक्षित रहे।
दशहरा के बाद चलेगा जागरूकता रथ यात्रा
दशहरा समारोह के बाद, जागरूकता रथ यात्रा की शुरुआत की जाएगी ताकि सर्वे प्रक्रिया में गति लाई जा सके। इस रथ यात्रा की योजना पहले से ही तैयार की जा चुकी है और यह यात्रा विभिन्न गांवों तक पहुंचेगी। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सर्वे से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना होगा।
यात्रा के दौरान, अगर किसी भी रैयत को कोई समस्या होती है तो मौके पर ही उसका समाधान देने के लिए अधिकारी उपलब्ध होंगे। इससे सर्वे में भागीदारी बढ़ेगी और यह प्रक्रिया और अधिक सुगम बनेगी।
मोतिहारी में पंचायत भवनों में सर्वेक्षण कार्यालय सक्रिय
मोतिहारी के 27 अंचलों में रैयतों की सहूलियत के लिए पंचायत सरकार भवनों में सर्वेक्षण कार्यालय स्थापित किए गए हैं। ये कार्यालय परंपरागत अंचल कार्यालयों की जगह अधिक सुलभ स्थानों पर चलाए जा रहे हैं ताकि किसान और अन्य जमीन मालिक बिना किसी असुविधा के अपने दस्तावेज जमा कर सकें। इस उपाय से न केवल दस्तावेज संग्रहण में आसानी होगी बल्कि किसी भी समस्या या शिकायत का तुरंत समाधान भी सुनिश्चित होगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी आएगी।
ये भी पढ़ें—
- बिहार बोर्ड कक्षा 10 रजिस्ट्रेशन 2025 की डेडलाइन 9 अक्टूबर 2024 तक, आवेदन करें
- 1 लाख रूपये महीने कमाने की चाहत होगी पूरी, शुरू करें यह कमाल का बिज़नस
- बिहार में जमीन लिखनी पर आज से नया नियम होगा लागू, भूमि सम्बन्धित विवादों को कम करने के लिए नए नियम
- जीवित्पुत्रिका व्रत की सही तिथि 24 या 25, क्या है जितिया व्रत का महत्व, जितिया व्रत का शुभ मुहूर्त- अभी चेक करें!