Sharda Sinha Biography In Hindi— शारदा सिन्हा, जिनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के मिथिला क्षेत्र के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ, बचपन से ही संगीत के प्रति गहरी रुचि रखती थीं। उनके पिता, सुखदेव ठाकुर, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में अधिकारी थे और शारदा की संगीत शिक्षा के लिए घर पर ही एक गाना और नृत्य शिक्षक को नियुक्त किया था।
शारदा ने अपनी शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से पूरी की, जहाँ उन्होंने Arts में ग्रेजुएशन किया। शारदा सिन्हा ने अपनी गायकी से न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में भोजपुरी लोक संगीत का परचम लहराया है।
बॉलीवुड में भी शारदा सिन्हा के गानों का चला जादू
शारदा सिन्हा, एक ख्यातिप्राप्त भोजपुरी लोक गायिका, ने अपनी मधुर आवाज में कई हिट बॉलीवुड फिल्मों के गाने गाकर सफलता की नई ऊंचाइयां छुई हैं। उन्होंने 1989 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में ‘कहे तो से सजना’ गाने से भारी प्रशंसा प्राप्त की।
इसके अलावा, उन्होंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर पार्ट 2’ के लिए ‘तार बिजली’ और ‘चारफुतिया छोकरे’ में ‘कौन सी नगरिया’ जैसे गाने गाए, जो संगीत प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय हुए। शारदा सिन्हा की ये गाने उनकी विविधतापूर्ण गायकी की क्षमता को दर्शाते हैं और उनके संगीत करियर में मील के पत्थर साबित हुए हैं।
Sharda Sinha Biography In Hindi ओवरव्यू
शारदा सिन्हा, जिन्हें ‘बिहार कोकिला’ के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रतिष्ठित भारतीय लोक गायिका हैं। उनकी आवाज ने न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में लोक संगीत की एक अलग पहचान बनाई है। शारदा सिन्हा की गायिकी में गहराई और मिठास है, जिसे सुनकर संगीत प्रेमी अपनी जड़ों से जुड़ाव महसूस करते हैं।
उन्होंने अपनी संगीत यात्रा के दौरान कई पारंपरिक गीतों को नया रूप दिया है और उन्हें आधुनिक स्पर्श प्रदान किया है। शारदा सिन्हा अपने संगीत के माध्यम से भारतीय संस्कृति की महक को विश्व स्तर पर फैला रही हैं।
शीर्षक | जानकारी |
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असली नाम | शारदा सिन्हा |
उपनाम | बिहार कोकिला |
पेशा | लोक गायिका |
शारदा सिन्हा के संगीतमय यात्रा की शुरुआत
शारदा सिन्हा, जिनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था, ने अपने संगीत करियर की शुरुआत साल 1980 में ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन (Doordarshan) के माध्यम से की थी। इन मंचों पर उन्होंने अपनी गायकी के जादू से श्रोताओं को मोहित किया और अपनी विशिष्ट गायन शैली से लोकप्रियता हासिल की।
शारदा सिन्हा ने न केवल भोजपुरी, बल्कि अन्य भारतीय लोक संगीत शैलियों में भी अपनी विशेष पहचान बनाई। उनकी यह यात्रा न केवल उनके लिए बल्कि भारतीय लोक संगीत के लिए भी एक नई दिशा निर्धारित करने वाली थी।
भारतीय लोक संगीत की जानी-मानी हस्ती का व्यक्तिगत जीवन
शारदा सिन्हा जी एक प्रसिद्ध भारतीय लोक गायिका हैं। उनका धर्म हिन्दू और जाति कायस्थ है। शारदा का राष्ट्रीयता भारतीय है, और उन्होंने अपनी शिक्षा मगध महिला कॉलेज से पूरी की है। उनके शौक में गाना गाना, नृत्य करना और गीत लिखना शामिल हैं।
शारदा सिन्हा ने अपनी स्कूली शिक्षा बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल, बिहार से की थी। उनकी इस अद्भुत प्रतिभा ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें पहचान दिलाई है।
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शीर्षक | जानकारी |
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जन्म तिथि और आयु | 1 अक्टूबर 1952 |
मृत्यु तिथि | 05 नवम्बर 2024 (आयु 72 वर्ष) |
जन्म स्थान | हुलास, राघोपुर, सुपौल जिला, मिथिला क्षेत्र, बिहार |
धर्म | हिन्दू |
जाति | कायस्थ |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शैक्षिक योग्यता | स्नातक |
पैतृक निवास | हुलास, राघोपुर, सुपौल जिला, मिथिला क्षेत्र, बिहार |
शौक | गाना, नृत्य, और गीत लेखन |
स्कूल | बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल, बिहार |
कॉलेज/विश्वविद्यालय | मगध महिला कॉलेज |
Sharda Sinha Physical States in Hindi
उनकी ऊँचाई 5 फीट 1 इंच है और वजन लगभग 70 किलोग्राम है। उनके आँखों का रंग गहरा काला है और बाल भी काले हैं। उनकी शारीरिक बनावट 36-27-36 है।
शीर्षक | जानकारी |
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ऊँचाई | 5 फीट 1 इंच |
वजन | 70 किलोग्राम |
फिगर माप | 36-27-36 |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
Sharda Sinha Family Details in Hindi
शारदा सिन्हा का परिवार उनकी संगीत यात्रा में एक मजबूत स्तंभ रहा है। उनके पिता, सुखदेव ठाकुर, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी थे, जिन्होंने शारदा की संगीत शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शारदा सिन्हा के पति, डॉ. ब्रज किशोर सिन्हा, भी उनके जीवन में एक स्थायी साथी रहे हैं।
उनका एक पुत्र है, अंशुमान सिन्हा, जो उनके जीवन की खुशियों मेंसे एक है। यह परिवार न केवल उनके निजी जीवन में बल्कि उनके पेशेवर संगीत करियर में भी उनका सहयोग और प्रेरणा का स्रोत रहा है।
शीर्षक | जानकारी |
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पिता का नाम | सुखदेव ठाकुर (शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अधिकारी) |
माता का नाम | ज्ञात नहीं |
भाई-बहन | ज्ञात नहीं |
पति का नाम | डॉ. ब्रज किशोर सिन्हा |
पुत्र का नाम | अंशुमान सिन्हा |
शारदा सिन्हा को मिला पुरस्कार
शारदा सिन्हा, जिन्होंने अपने संगीत करियर में असाधारण योगदान दिया है, को विभिन्न प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया है। 1991 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया, जो भारत सरकार का एक उच्च नागरिक सम्मान है। इसके दस साल बाद, 2001 में, उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उनकी कलात्मक उत्कृष्टता को मान्यता देता है।
2015 में, बिहार सरकार ने उन्हें सिनेयात्रा पुरस्कार से सम्मानित किया, और 2018 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया, जो उनके अद्वितीय संगीत योगदान की पहचान है। इन सम्मानों के माध्यम से शारदा सिन्हा की संगीतिक प्रतिभा और उनके लोक संगीत को बढ़ावा देने के प्रयासों की पहचान की गई है।
वर्ष | पुरस्कार का नाम | प्रदान करने वाली संस्था |
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1991 | पद्म श्री | भारत सरकार |
2001 | संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार | संगीत नाटक अकादमी |
2015 | सिनेयात्रा पुरस्कार | बिहार सरकार |
2018 | पद्म भूषण | भारत सरकार |
शारदा सिन्हा की आवाज़ में नया छठ गीत रिलीज
भारतीय लोक गायिका शारदा सिन्हा, जो कि वर्तमान में एम्स में भर्ती हैं, का एक नया ऑडियो सॉन्ग सामने आया है, जिसे उनके पुत्र अंशुमान सिन्हा ने जारी किया है। इस गीत का शीर्षक ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया….रउए आसरा हमार…सबके पुरवेली मनसा…हमरो सुनलीं पुकार’ है।
यह गीत छठ पूजा की भावनाओं को समर्पित है और उसमें देवी की आराधना तथा भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करने की प्रार्थना व्यक्त की गई है। शारदा सिन्हा की मधुर आवाज में यह गीत उनके प्रशंसकों के लिए आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
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सारांश
दोस्तों, आज के लेख में हमने शारदा सिन्हा, जिन्हें बिहार कोकिला के नाम से जाना जाता है, के जीवन और संगीत करियर के बारे में पढ़ा। इसमें उनके बचपन, शिक्षा, और उनके द्वारा गाए गए लोकप्रिय बॉलीवुड गीतों के बारे में जानकारी शामिल थी। उनके प्रमुख पुरस्कारों और पारिवारिक जीवन की भी चर्चा की गई।
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Top 5 FAQs for Sharda Sinha Biography
शारदा सिन्हा कौन हैं?
शारदा सिन्हा एक प्रतिष्ठित भारतीय लोक गायिका हैं, जिन्होंने भोजपुरी और हिंदी संगीत में विशेष पहचान बनाई है।
शारदा सिन्हा का जन्म कब हुआ था?
शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के मिथिला क्षेत्र में हुआ था।
शारदा सिन्हा ने अपनी प्रमुख शिक्षा कहाँ से प्राप्त की?
उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से Arts में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
शारदा सिन्हा के प्रसिद्ध गाने कौन-कौन से हैं?
उन्होंने ‘कहे तो से सजना’ (मैंने प्यार किया), ‘तार बिजली’ (गैंग्स ऑफ वासेपुर पार्ट 2), और ‘कौन सी नगरिया’ (चारफुतिया छोकरे) जैसे हिट गाने गाए हैं।
शारदा सिन्हा का मृत्यु कब हुआ था?
05 नवम्बर 2024 (आयु 72 वर्ष)