Reliance Infrastructure Stock Price— अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली Reliance Infrastructure Limited के शेयरों में 30 सितंबर को शुरुआती व्यापार में 3% की वृद्धि हुई। इस उछाल का मुख्य कारण कलकत्ता हाई कोर्ट का निर्णय रहा। कंपनी ने पश्चिम बंगाल में स्थित Damodar Valley Corporation (DVC) के खिलाफ 780 करोड़ रुपये के आर्बिट्रेशन केस में जीत हासिल की है। हाई कोर्ट ने इस विवाद में Reliance Infrastructure के पक्ष में आए मध्यस्थता निर्णय को स्थायी रूप दे दिया है, जिससे शेयर बाजार में कंपनी की स्थिति मजबूत हुई है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर में उछाल, मार्केट कैप 13000 करोड़ तक पहुंचा
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर बीएसई पर 30 सितंबर को 330 रुपये पर खुलने के बाद तेजी से बढ़ा और 333.65 रुपये के हाई तक पहुंच गया, जो कि पिछले बंद भाव से 3% की वृद्धि दर्शाता है। इस बढ़त के साथ, कंपनी का मार्केट कैप अब 13000 करोड़ रुपये हो गया है। शेयर का 52 सप्ताह का उच्च स्तर 350.90 रुपये है और इसकी अपर प्राइस बैंड में 10% की सर्किट लिमिट के साथ 355.20 रुपये है, जो निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रस्तुत करता है।
Reliance Infrastructure और DVC में विवाद की वजह
आज से एक दशक से अधिक समय पहले, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 1,200 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाने का 3,750 करोड़ रुपये का ठेका प्राप्त हुआ था। परियोजना में विवादों और अन्य कारणों से देरी होने के कारण, Damodar Valley Corporation (DVC) ने कंपनी से हर्जाना की मांग की।
इसके जवाब में, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने मामले को मध्यस्थता न्यायाधिकरण में चुनौती दी और 2019 में न्यायाधिकरण ने कंपनी के पक्ष में 896 करोड़ रुपये के भुगतान का निर्देश DVC को दिया। DVC ने इस आदेश को कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया, इस प्रकार रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की लंबी लड़ाई का सफल समापन हुआ।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को कलकत्ता हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने शेयर बाजार को जानकारी दी कि कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने रघुनाथपुर थर्मल पावर प्लांट मामले में 27 सितंबर, 2024 को कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया। दामोदर वैली कॉर्प ने इस मध्यस्थता फैसले को धारा 34 के तहत चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने बहुमूल्य प्री-अवॉर्ड इंट्रेस्ट पर राहत और बैंक गारंटी पर ब्याज में कमी को छोड़कर मध्यस्थता फैसले को बरकरार रखा, जिसका कुल मूल्य 780 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा, 600 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी रिलीज की जाएगी। यह फैसला कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय विजय को दर्शाता है और इससे उसकी वित्तीय स्थिरता में और सुधार होने की उम्मीद है।
डिस्क्लेमर— शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। निवेश से पहले, अपनी वित्तीय स्थिति, निवेश उद्देश्य और जोखिम सहनशीलता का मूल्यांकन करें। यहाँ दी गई जानकारी सलाहकार सेवा का विकल्प नहीं है। अतः किसी भी निवेश के निर्णय से पहले, वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
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