Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin— भारत सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के दूसरे चरण में महत्वपूर्ण परिवर्तनों की योजना बना रही है। इस दौर में एक नया सर्वे शुरू किया जाएगा, जिसमें महिलाओं को स्वामित्व (मालिकाना हक़) देने पर विशेष जोर दिया जाएगा। योजना का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक ग्रामीण महिलाएं इसका लाभ उठा सकें और उन्हें आवासीय सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें।
पहले चरण में पुरुषों को भी आवास स्वामित्व मिला था, पर अब दूसरे चरण में महिलाओं की भागीदारी और स्वामित्व को प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि इस बारे में अभी तक केंद्र सरकार से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
नवीन तकनीक से होगा दूसरा चरण का सर्वे
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin) के दूसरे चरण के लिए एक नये सर्वे ‘आवास प्लस 2024’ को शुरू करने जा रही है। यह सर्वे ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाएगा, जिससे सटीक और पारदर्शी लाभार्थी पहचान सुनिश्चित हो सके। इस बार की विशेषता यह है कि लोग स्वयं अपना सर्वे कर सकेंगे, जिसमें चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
इस नई प्रणाली के माध्यम से योजना में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ाने की उम्मीद है। यह सर्वेक्षण ‘आवास प्लस ऐप’ के जरिए किया जाएगा, जिससे तकनीक का समावेश योजना को और भी अधिक कुशल बनाएगा।
महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में प्रधानमंत्री आवास योजना के नए कदम
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PM Awas Yojana Gramin) में महिलाओं के स्वामित्व (मालिकाना हक़) को बढ़ावा देने के लिए दो विशेष ऑप्शन शामिल किए गए हैं। पहला ऑप्शन महिलाओं को घरों का एकल स्वामित्व प्रदान करता है, जबकि दूसरा ऑप्शन संयुक्त स्वामित्व की सुविधा देता है, जिसमें पति और पत्नी दोनों को आवास का स्वामित्व मिलता है।
इस योजना के अंतर्गत पुरुषों को अकेले स्वामित्व का विकल्प नहीं दिया गया है। वर्तमान में, इस योजना के तहत लगभग 74 प्रतिशत आवासों का स्वामित्व महिलाओं के नाम पर या संयुक्त रूप से है। दूसरे चरण का मुख्य लक्ष्य है कि सभी आवासों का स्वामित्व 100 प्रतिशत तक महिलाओं को प्रदान किया जाए, जिससे उनकी स्वतंत्रता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल सके।
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पीएम आवास योजना ग्रामीण: नए नियमों से बढ़ी पात्रता व सुविधाएँ
पीएम आवास योजना ग्रामीण में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं जिससे अधिक ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके। पहले की तुलना में अब आय सीमा को बढ़ाकर 15,000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है, जिससे जिन परिवारों की आमदनी पहले की सीमा से ज्यादा थी, वे भी योजना का लाभ उठा सकेंगे।
इसके अलावा, परिवार जिनके पास फ्रीज या दोपहिया वाहन हैं, वो भी अब योजना के पात्र होंगे। योजना के बहिष्करण मानदंड में भी सुधार किया गया है, जिससे योजना की समावेशिता बढ़ी है। इन परिवर्तनों से ग्रामीण इलाकों में और अधिक परिवार योजना के दायरे में आ सकेंगे।
ये लोग इस योजना से रहेंगे वंचित
पीएम आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत कुछ विशेष परिवारों को लाभार्थी सूची से बाहर रखा गया है। जिन परिवारों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है और उनकी क्रेडिट सीमा 50,000 रुपए या अधिक है, उन्हें इस योजना के तहत लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, सरकारी कर्मचारी और वे लोग जो गैर कृषि उद्यम में संलग्न हैं, वे भी इस योजना के लाभ से वंचित रहेंगे। इससे योजना को अधिक जरूरतमंद ग्रामीण परिवारों तक सीमित करने का प्रयास किया गया है।
इस योजना के तहत प्राप्त लाभ
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत लाभार्थियों को मकान निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें मैदानी इलाकों के लिए 1.20 लाख रुपए और पहाड़ी तथा दुर्गम क्षेत्रों के लिए 1.30 लाख रुपए शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, लाभार्थी 70,000 रुपए तक का बैंक लोन भी ले सकते हैं, जिस पर 3% ब्याज सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है।
मनरेगा के तहत, यदि लाभार्थी खुद मकान निर्माण में शामिल होता है तो उसे 90 से 95 दिन की मजदूरी दी जाती है। स्वच्छ भारत मिशन के अनुसार, शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है।
लाभार्थी को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन और जल जीवन मिशन के अंतर्गत पानी का कनेक्शन भी मुफ्त में मिलता है। ये लाभ योजना के तहत समग्र और व्यापक विकास को सुनिश्चित करते हैं, जिससे ग्रामीण लाभार्थियों की जीवन शैली में सुधार होता है।
- वित्तीय सहायता:
- मैदानी इलाकों के लिए 1.20 लाख रुपए।
- पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए 1.30 लाख रुपए।
- बैंक लोन:
- लाभार्थी 70,000 रुपए तक का बैंक लोन ले सकते हैं।
- लोन पर 3% की ब्याज सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है।
- मनरेगा के तहत मजदूरी:
- मकान निर्माण में शामिल लाभार्थियों को 90 से 95 दिनों की मजदूरी दी जाती है।
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत आर्थिक मदद:
- शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपए प्रदान किए जाते हैं।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना:
- लाभार्थियों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिया जाता है।
- जल जीवन मिशन के तहत पानी का कनेक्शन:
- पानी का नि:शुल्क कनेक्शन प्रदान किया जाता है।
ये सभी लाभ ग्रामीण लाभार्थियों की जीवन शैली में व्यापक सुधार लाने के लिए दिए जाते हैं, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में बेहतरी हो सके।
सारांश
आज के आर्टिकल में हमने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के दूसरे चरण के बारे में पढ़ा, जिसमें महिलाओं के स्वामित्व पर जोर दिया गया है। नई तकनीक और विशेष सर्वेक्षण के माध्यम से योजना की पारदर्शिता और कुशलता बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही, योजना के पात्रता मानदंडों में बदलाव और विभिन्न लाभों के बारे में भी चर्चा की गई है।
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FAQs
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के दूसरे चरण का मुख्य उद्देश्य क्या है?
दूसरे चरण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वामित्व प्रदान करना और उनकी आर्थिक सशक्तिकरण में वृद्धि करना है।
नई तकनीक का उपयोग कैसे किया जाएगा?
‘आवास प्लस 2024’ सर्वे में चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सटीक और पारदर्शी लाभार्थी पहचान की जाएगी।
महिलाओं के लिए स्वामित्व के कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
महिलाओं के लिए एकल स्वामित्व और संयुक्त स्वामित्व के विकल्प उपलब्ध हैं, जिसमें पति और पत्नी दोनों को स्वामित्व मिलता है।
पीएम आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत कौन से मुख्य लाभ उपलब्ध हैं?
वित्तीय सहायता, बैंक लोन पर ब्याज सब्सिडी, मनरेगा के तहत मजदूरी, स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन, और जल जीवन मिशन के तहत पानी का कनेक्शन।
कौन से परिवार योजना के लाभ से वंचित रहेंगे?
वे परिवार जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड है और उनकी क्रेडिट सीमा 50,000 रुपए या अधिक है, साथ ही सरकारी कर्मचारी और गैर कृषि उद्यम में संलग्न लोग इस योजना के लाभ से वंचित रहेंगे।