Microgreens Farming Business Idea— अगर आप अतिरिक्त कमाई के तरीके ढूंढ रहे हैं, तो माइक्रोग्रीन खेती आपके लिए एक उत्तम विकल्प हो सकता है। माइक्रोग्रीन खेती न केवल स्वास्थ्य को फायदे पहुंचाती है, बल्कि इसमें व्यावसायिक संभावनाएं भी बहुत हैं। कोरोना काल के बाद से इसकी मांग में भारी वृद्धि हुई है क्योंकि लोगों ने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजगता दिखाई है।
इस खेती को आप अपने घर से ही शुरू कर सकते हैं, जिससे इसे करना बहुत ही सुविधाजनक और आसान हो जाता है। माइक्रोग्रीन्स का चलन बढ़ रहा है, और यह नई लाइफस्टाइल में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
क्या है माइक्रोग्रीन
माइक्रोग्रीन वो नन्हीं पत्तियाँ होती हैं जो किसी भी पौधे के शुरुआती दौर में निकलती हैं। चाहे वह मूली, सरसों, मूंग हो या कोई अन्य बीज; जब इनसे पहली दो पत्तियां फूटती हैं, उन्हें हम माइक्रोग्रीन कहते हैं। ये पत्तियाँ जमीन से थोड़ी ऊपर उग आती हैं, और फिर इन्हें सावधानी से काट लिया जाता है। इस प्रक्रिया में, माइक्रोग्रीन के तने और पहली दो पत्तियाँ शामिल होती हैं, जिन्हें ताज़गी और पोषण से भरपूर माना जाता है।
इसके फ़ायदे अनेक
माइक्रोग्रीन, ये सब्जियों और अनाजों के छोटे रूप होते हैं जो महज 1-2 हफ्ते में उग आते हैं। ये स्प्राउट्स की तरह अंकुरित होते हैं और नाश्ते में या सलाद के रूप में खाने में उपयोग होते हैं। इन छोटे पौधों में पोषक तत्व सामान्य अनाजों से 40% तक ज्यादा होते हैं, जो इन्हें खास बनाता है। अगर आप अपने किचन गार्डन में तेजी से पोषण पाना चाहते हैं, तो माइक्रोग्रीन की खेती बेहद सरल और फायदेमंद हो सकती है।
आप मूली, शलजम, सरसों, मूंग, चना, मटर, मेथी, बेसिल, गेंहू, मक्का आदि के माइक्रोग्रीन का उपयोग कर सकते हैं। यह आपको चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने में मदद करते हैं।
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कैसे करें इसकी खेती
माइक्रोग्रीन की खेती करना बेहद सरल होता है और इसे आप घर पर भी आसानी से शुरू कर सकते हैं। इसकी विशेषता यह है कि इसे कहीं भी और किसी भी समय शुरू किया जा सकता है। आप इसकी खेती एक गमले में या किसी भी छोटे गहरे बर्तन में कर सकते हैं।
शुरुआत में आपको गमले में मिट्टी या कोकोपीट डालनी होती है और उसमें आर्गेनिक खाद मिला देनी चाहिए। फिर, जिस भी फसल को उगाना चाहते हैं, उसके बीज को तैयार मिट्टी में बो दें। यह तरीका न केवल प्रभावी होता है बल्कि आपको ताज़ी हरियाली से जोड़े रखता है।
माइक्रोग्रीन: घरेलू खेती से कमाई तक का सफर
यदि आप माइक्रोग्रीन का बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं, तो इसे घर के एक कमरे या छत पर आसानी से सेटअप कर सकते हैं। इस खेती के लिए सूरज की रोशनी बहुत जरूरी है, जो छत पर आसानी से मिल जाती है। वहीं, इनडोर में आर्टिफिशियल लाइट से भी ये पौधे बढ़ सकते हैं। जैसे ही माइक्रोग्रीन अंकुरित होते हैं, इन्हें काटकर बाजार में बेचा जा सकता है।
इस तरह, आपके पास एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है, जिससे आप बड़े पैमाने पर कमाई कर सकते हैं। इस तरह की खेती से न केवल पर्यावरण को लाभ होता है, बल्कि आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सकती है।
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FAQs
माइक्रोग्रीन क्या है?
माइक्रोग्रीन वे छोटी पत्तियां होती हैं जो किसी भी पौधे के शुरुआती चरण में उगती हैं। यह मूली, सरसों, मूंग, और अन्य बीजों से उगाई जा सकती हैं और पहली दो पत्तियों के उगने के बाद इन्हें काटा जाता है।
माइक्रोग्रीन की खेती कैसे शुरू करें?
आप मिट्टी या कोकोपीट में आर्गेनिक खाद मिलाकर, गमले या किसी गहरे बर्तन में इसकी खेती शुरू कर सकते हैं। फिर, जिस भी प्रकार के बीज को उगाना हो, उन्हें इस मिश्रित मिट्टी में बो दें।
माइक्रोग्रीन के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?
माइक्रोग्रीन में सामान्य सब्जियों और अनाजों की तुलना में 40% तक ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, जो आपको चुस्त-दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।
माइक्रोग्रीन खेती करने के लिए किन उपकरणों की आवश्यकता होती है?
आपको खेती के लिए गमले, कोकोपीट, आर्गेनिक खाद, और बीजों की आवश्यकता होगी। छत पर या इनडोर जगह में आर्टिफिशियल लाइट भी उपयोगी हो सकती है।
माइक्रोग्रीन खेती से कैसे आमदनी होती है?
एक बार जब माइक्रोग्रीन अंकुरित हो जाते हैं, तो इन्हें काटकर बाजार में बेचा जा सकता है। इससे आप लाभ कमा सकते हैं और यह व्यवसाय बड़े पैमाने पर बहुत लाभकारी हो सकता है।