Chhoti Diwali Par Yam Deepak Ka Mahatw— दीपावली का पर्व हमारे जीवन में अंधकार को दूर कर खुशियों और रोशनी से भर देता है। इस पर्व के अंतर्गत एक खास दिन आता है जिसे ‘छोटी दिवाली’ या ‘नरक चतुर्दशी’ कहते हैं। इस दिन यमराज के लिए दीपक जलाने का खास महत्व है। इस लेख में हम जानेंगे कि चोटी दिवाली पर यम दीपक क्यों जलाया जाता है, इसके पीछे का धार्मिक और सांस्कृतिक कारण क्या है, और इसके लाभ क्या हैं।
छोटी दिवाली पर यम दीपक जलाने का महत्व
चोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के लिए दीप जलाने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। इसे मानने का मुख्य कारण यह है कि इस दिन दीप जलाकर यमराज को प्रसन्न किया जाता है ताकि हमारे घर से रोग, संकट, और बुरी शक्तियों का नाश हो और सुख-शांति बनी रहे।
यम दीपक जलाने का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, चोटी दिवाली पर यम दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और हमारे घर परिवार को असमय मृत्यु और विपत्तियों से बचाते हैं। यह दीपक मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित होता है, ताकि वह हमारे परिजनों को दीर्घायु प्रदान करें। इस प्रकार, इस दिन यमराज की पूजा करके लोग अपने और अपने परिवार की सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
यम दीपक जलाने की विधि
- संध्या समय में अपने घर के बाहर दक्षिण दिशा में एक दीया रखें। इसे यमराज की दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
- दीए में तिल का तेल डालें और उसमें एक रुई की बत्ती जलाएं।
- इस दीपक के पास एक छोटा सा प्रणाम करें और यमराज से अपने परिवार की सुरक्षा की प्रार्थना करें।
- कई लोग इसे घर के दरवाजे के पास भी रखते हैं, ताकि घर में प्रवेश करने वाली बुरी शक्तियों का नाश हो सके।
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यम दीपक जलाने के लाभ
- रोग और संकट से मुक्ति: मान्यता है कि यम दीपक जलाने से व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और बुरी शक्तियों का प्रभाव कम होता है।
- असमय मृत्यु से सुरक्षा: यम दीपक जलाने से परिवार में असमय मृत्यु का खतरा कम हो जाता है।
- परिवार में सुख-शांति: यह दीपक परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।
यम दीपक जलाने के पीछे की कहानियाँ
एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, नरकासुर नामक राक्षस से मुक्ति के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध किया था और नरकासुर का वध करके प्रजा को भय से मुक्त किया। इसी की स्मृति में चोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन यमराज के लिए दीपक जलाने का तात्पर्य मृत्यु और संकटों के भय को दूर करना है।
छोटी दिवाली पर यम दीपक जलाने का संदेश
यम दीपक जलाने की परंपरा हमें यह याद दिलाती है कि जीवन में समस्याओं का अंत करना और प्रकाश की ओर बढ़ना ही सच्चा धर्म है। यह परंपरा न केवल आध्यात्मिकता से जुड़ी है, बल्कि हमारे जीवन में सुख, शांति और सुरक्षा का प्रतीक भी है।
Disclaimer
यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। पाठकों से निवेदन है कि वे इसे अपने विवेक के अनुसार समझें और अपनाएँ। इस लेख का उद्देश्य किसी भी प्रकार की अंधविश्वास को बढ़ावा देना नहीं है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
छोटी दिवाली पर यम दीपक क्यों जलाते हैं?
छोटी दिवाली पर यम दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं, जिससे व्यक्ति को असमय मृत्यु और संकटों से मुक्ति मिलती है।
यम दीपक कब और कहां जलाना चाहिए?
संध्या समय में अपने घर के बाहर दक्षिण दिशा में यम दीपक जलाना चाहिए।
क्या यम दीपक जलाने से स्वास्थ्य लाभ होते हैं?
हां, मान्यता है कि इससे रोगों से मुक्ति मिलती है और परिवार स्वस्थ रहता है।
यम दीपक किस तेल से जलाना चाहिए?
इसे तिल के तेल से जलाना शुभ माना जाता है।
क्या यम दीपक जलाना अनिवार्य है?
यह व्यक्ति की आस्था पर निर्भर करता है; जो इस परंपरा को मानते हैं, वे इसे करते हैं।