Unique Business Idea— आजकल खेती के क्षेत्र में नए बिजनेस आइडिया तेजी से उभर रहे हैं और इसमें हरी खाद (Green Manure) का व्यापार बेहद लाभकारी साबित हो रहा है। ढैंचा, जिसे हरी खाद के नाम से जाना जाता है, अपने खेत में उगाने से न केवल आपकी मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है बल्कि इससे आप एक स्थायी और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प के रूप में अच्छी कमाई भी कर सकते हैं।
इसके लिए आधुनिक यंत्र और मशीनों की सहायता से खेती करना और भी सरल हो गया है। कई राज्य सरकारें भी इस तरह के उद्यमों को आर्थिक मदद प्रदान कर रही हैं, जिससे यह व्यापार और भी आकर्षक हो उठा है। आइये इसके बारे में विस्तृत जानकारी लेते हैं…
हरियाणा सरकार ने बजट 2023-24 में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिससे प्राकृतिक खाद के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। राज्य सरकार ने ढैंचा की खेती के लिए प्रति एकड़ 720 रुपये (80% कॉस्ट प्राइस) की सब्सिडी प्रदान करने की योजना का ऐलान किया है। इस योजना का लाभ सीधे किसानों को मिलेगा, जिससे उन्हें यूरिया और अन्य रासायनिक खादों की जगह हरी खाद का उपयोग करने का प्रोत्साहन मिलेगा।
ढैंचा की खेती करने का तरीका
वैसे तो ढैंचा की खेती (Dhaincha Farming) को वर्ष के किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन यदि आप उच्च उपज चाहते हैं तो खरीफ का सीजन इसके लिए सबसे उत्तम है। खेती की शुरुआत में खेत की गहन जुताई अनिवार्य होती है। बुआई सरसों के समान लाइनों में या छिड़काव विधि से की जा सकती है। यदि आपका मुख्य उद्देश्य ढैंचा से हरी खाद तैयार करना है, तो एक बार जोतकर ढैंचा बुवाई करना काफी होगा।
बुवाई के महज एक से डेढ़ महीने में इसके पौधे करीब 3 फुट लंबे हो जाते हैं और इनकी गांठों में नाइट्रोजन का भंडार भर जाता है, जिसे काटकर खेत में फैला दिया जाता है।
इसके खेती से कमाई के असार
ढैंचा की खेती के बाद, इसे हरी खाद के रूप में उपयोग करना फसलों के लिए बेहद लाभदायक होता है। इस पद्धति से यूरिया की जरूरत में कमी आती है, जिससे एक तिहाई तक उर्वरक खर्च में कटौती हो सकती है। ढैंचा के उपयोग से खरपतवार की संभावना न के बराबर रह जाती है, जिससे निराई-गुड़ाई और खरपतवार नियंत्रण पर होने वाले खर्च में भी भारी कमी आती है।
एक एकड़ खेत से ढैंचा की खेती से लगभग 25 टन तक की पैदावार हो सकती है, और बाजार में ढैंचा के बीज की कीमत 40 रुपये प्रति किलो होने के कारण, इस फसल से 10 लाख रुपये तक कमाना संभव है। इस प्रकार, ढैंचा की खेती किसानों के लिए न केवल खर्च कम करने का एक तरीका है बल्कि यह उनकी कमाई में भी इजाफा करता है।
खेत में ढैंचा पौधे की बुआई कैसे करें
कृषि विज्ञान केंद्र सिपाया के प्रक्षेत्र प्रबंधक और कृषि विज्ञानी, रविकांत कुमार के अनुसार, ढैंचे की जड़ों में बनने वाली गांठें कार्बनिक पदार्थ से भरपूर होती हैं, जो कि फसलों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इसके उपयोग से न केवल मृदा में जीवांश पदार्थों की मात्रा बढ़ती है, बल्कि इससे नाइट्रोजन की उपलब्धता में भी सुधार होता है।
इसके अलावा, ढैंचा की खेती से भूमि की जल धारण क्षमता में भी वृद्धि होती है, जो कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभदायक हो सकता है। किसान प्रति एकड़ 12 किलोग्राम बीज की दर से खेतों में ढैंचा बो सकते हैं।
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